Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
मंत्र की उर्जा और प्रभाव को बढाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.
काला कलुवा चौंसठ वीर ताल भागी तोर जहां को भेजूं वहीं को जाये मांस मज्जा को शब्द बन जाये अपना मारा, आप दिखावे चलत बाण मारूं उलट मूंठ मारूं मार मार कलुवा तेरी आस चार चौमुखा दीया मार बादी की छाती इतना काम मेरा न करे तो तुझे माता का दूध पिया हराम।
ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाक्षा देवी तहाँ बैठे इस्माइल जोगी, जोगी के आँगन फूल क्यारी फूल चुन-चुन लावे लोना चमारी फूल चल फूल-फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे जो नहीं फूल का विष कबहुं न छोड़ें मेरी आस मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
माला मूंगे की होनी चाहिए और धूप-दीप भी रखे.
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ॐ नमो भगवते मदन मोह मये पंच भूत मोहिनी। चतुर्विध जीव गलनु मोहिसु मोहिसु। तन्नो नो उदकेण तुरित व्यतलिन्नकाणा कालुकै। प्याऽदे कल बहु दिवोडि वरील वार विर्दरे। महा मायाणे काल भैरव-गणे ब्रह्मा- विष्णु, महेश्वरणे श्रीराम ईतनाणे। क्लीं मोहिनी मोहिसु मोहिसु। निगेगे निन्त्राणे मोहिसु ॐ गुरु प्रसादं।
अनुष्ठान की विधि: इसमें विशेष सामग्री जैसे सिंदूर, फूल, दीपक, या यंत्रों का उपयोग किया जाता है।
खाने की कुछ चीजे चाहे वो पान हो, इलायची हो या फिर लौंग इनमे आकर्षण का काम कर साध्य को दिया जाता था जिसके प्रभाव से धीरे धीरे सामने वाला read more दिमाग उसके कण्ट्रोल से बाहर होने लगता था.
यह मंत्र धन और संपत्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप धन, संपत्ति, और आर्थिक सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा
ॐ ताल तुम्बरी दह दह दरै झाल झाल आं आं आं हूं हूं हूं हैं हैं हैं काल कमानी कोटा कमरिया ॐ ठः ठः।
ॐ नमो आकाश की योगिनी पातालनाग, उठि हनुमंत जी ‘फलानी’ को लाग, परै न निद्रा बैठे न सुख, जोबो देखे न मेरो मुख, तब तक नहिं परै हिये में सुख, लाऊ जो वाकू पियो, मोहि दीखै ठण्डी हो जाय, आवत न काहू दिखाय, आउ आउ मेरे आगे लाउ, न लावै तो गुरु गौरखनाथ की आन।
हालांकि वशीकरण को मुख्य रूप से प्रेम और संबंधों से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका उपयोग करियर, वित्तीय समस्याओं और अन्य व्यक्तिगत मुद्दों के समाधान के लिए भी किया जा सकता है।
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।